Monday, March 28, 2011

ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया.


इटावा। बढ़ते कार्बन उत्सर्जन कौ कम करने के लिए ऊर्जा संरक्षण प्राथमिक उपचार है। इसी कौ दृष्टिगत रखते हुए हम रात्रि साढ़े आठ बजे रात्रि साढ़े न् बजे तक बिजली के उपकरण बंद रखकर लौगांे कौ ऊर्जा संरक्षण के प्रति सचेत कर रहे हैं।
उक्त उद्गार अर्थ आॅवर २०११ के क्रियान्वयन के द्रान उपजिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियान ने सौसाइटी फार कंजर्वेशन आफ नेचर द्वारा नगर पंचायत इकदिल में आयौजित अर्थ आॅवर कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम के द्रान सभी इकदिल वासियौं ने अपने घरौं की एवं नगर पंचायत के सभी विद्युत उपकरण बंद कर रखे। कार्यक्रम मंे नगर भ्रमण साढ़े आठ बजे पर प्रारंभ किया गया एवं सभी लौग मौमबत्ती जलाकर लौगौं कौ ऊर्जा संरक्षण का संदेश दे रहे थे। लगभग दस हजार घरौं के लौगांे ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सहायक निदेशक बचत प्रभात मिश्रा द्वारा ऊर्जा संरक्षण का कार्यक्रम लगातार चलाया जा रहा है। इससे प्रेरित हौकर इकदिल के बचत अभिकर्ता डा. सुशील सम्राट, उमेश शुक्ला, कृष्णकुमार गुप्ता, विवेक गुप्ता ने सहभागिता की।
कार्यक्रम कौ सफल बनाने में नगर पंचायत अध्यक्ष आशाराम गौयल ने यौगदान दिया। डा. राजीव च्हान महासचिव स्कान ने इकदिलवासियौं के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में संस्था के अजय कुमार मिश्रा, संजीव च्हान, वरुण कुमार, सदन का सक्रिय सहयौग रहा।


SOURCE: Amar Ujala, Hindi News Paper, dated 28/03/2011

Friday, March 18, 2011

Sun Day: Energy Conservation Day


Our BLUE PLANET is facing lethal problem of CLIMATE CHANGE. We need to change our daily life as ENVIRONMENT FRIENDLY. Just switching off electricity for one hour once in a year is NOT A SUFFICIENT STEP to reduce the impact of Climate Change.
So, we need a regular conservation of Energy resources; for this a new MODEL of Sun Day has been developed by me and environmentalist Dr. Rajeev Chauhan. In this model, On every Sunday, we will not use non-renewable forms of energy like electricity for at-least ONE HOUR. We need this to save Earth from the lethal impact of CLIMATE CHANGE. The idea of name Sun Day and the selection of day was given by me and the idea of switching off electricity more than once was given by Dr. Rajeev Chauhan. Dear readers, you are welcome to join this on Facebook.